जानें 8 घंटे सोने के बाद भी नींद क्यों आती है और इसे कैसे करें दूर

जानें 8 घंटे सोने के बाद भी नींद क्यों आती है और इसे कैसे करें दूर

नींद अधिक आने के कारण और निवारण

नींद हमारे शरीर और मस्तिष्क के लिए बहुत जरूरी होती है। नींद के दौरान हमारा शरीर और दिमाग दोनों ही पुनः ऊर्जा प्राप्त करते हैं। लेकिन अगर आप 8 घंटे की नींद लेने के बाद भी दिन भर नींद महसूस करते हैं, तो इसके कई कारण हो सकते हैं। यहाँ हम इन कारणों और उनके निवारण के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे।

जानें 8 घंटे सोने के बाद भी नींद क्यों आती है और इसे कैसे करें दूर

कारण

  1. नींद की गुणवत्ता:
    • सिर्फ 8 घंटे की नींद पर्याप्त नहीं होती, अगर नींद की गुणवत्ता अच्छी नहीं है। अगर आपकी नींद बार-बार टूटती है, तो आपका शरीर और दिमाग पूरा आराम नहीं कर पाता। बेकार की नींद से आप ताजगी महसूस नहीं कर पाते और दिनभर नींद आने लगती है।
  2. स्लीप एपनिया:
    • यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें सोते समय सांस रुक-रुक कर आती है। इससे नींद में बार-बार खलल पड़ता है और आप पूरा आराम नहीं कर पाते। स्लीप एपनिया वाले लोग अक्सर सुबह सिरदर्द, थकान और दिनभर नींद महसूस करते हैं।
  3. थायराइड समस्याएँ:
    • हाइपोथायरायडिज्म (थायराइड का कम सक्रिय होना) भी अत्यधिक नींद आने का कारण हो सकता है। थायराइड हमारे मेटाबोलिज्म को नियंत्रित करता है और इसके कम सक्रिय होने पर ऊर्जा की कमी महसूस होती है।
  4. आयरन की कमी:
    • शरीर में आयरन की कमी होने पर भी नींद ज्यादा आती है। आयरन की कमी से शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा कम हो जाती है, जिससे शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाता और थकान महसूस होती है।
  5. डिप्रेशन और तनाव:
    • मानसिक तनाव और अवसाद भी अत्यधिक नींद का कारण बन सकते हैं। डिप्रेशन में व्यक्ति थका हुआ और नींद में महसूस करता है। तनाव हार्मोन भी नींद को प्रभावित कर सकते हैं।
  6. आहार और जीवनशैली:
    • अधिक कार्बोहाइड्रेट और शक्कर का सेवन करने से भी नींद आ सकती है। साथ ही, बहुत ज्यादा कैफीन या शराब का सेवन भी नींद पर असर डालता है। असंतुलित आहार से भी शरीर में ऊर्जा की कमी हो सकती है।
  7. दवाइयों का प्रभाव:
    • कुछ दवाइयाँ भी नींद बढ़ा सकती हैं। अगर आप कोई दवा ले रहे हैं, तो डॉक्टर से इसके बारे में बात करें। नींद बढ़ाने वाली दवाइयों के कारण भी दिनभर थकान और नींद आ सकती है।
  8. अनियमित सोने का समय:
    • सोने और जागने का अनियमित समय भी नींद की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है। बायोलॉजिकल क्लॉक के विपरीत काम करने से भी शरीर को पूरा आराम नहीं मिल पाता।

निवारण

  1. नींद की गुणवत्ता सुधारें:
    • रोज एक ही समय पर सोने और जागने की आदत डालें। इससे आपकी बायोलॉजिकल क्लॉक नियमित होगी और नींद की गुणवत्ता में सुधार होगा।
    • सोने से पहले स्क्रीन समय कम करें। मोबाइल, कंप्यूटर या टीवी का अधिक उपयोग नींद को प्रभावित करता है।
  2. स्लीप एपनिया की जाँच:
    • अगर आपको स्लीप एपनिया का शक है, तो डॉक्टर से संपर्क करें। इसके लिए विशेष इलाज उपलब्ध है, जैसे CPAP मशीन का उपयोग करना, जो सोते समय सांस को नियमित बनाए रखती है।
  3. थायराइड की जाँच:
    • डॉक्टर से परामर्श लें और थायराइड की जाँच करवाएं। अगर कोई समस्या है, तो डॉक्टर इसके लिए उचित दवा देंगे। नियमित जांच और दवा लेने से थायराइड के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
  4. आयरन की कमी को दूर करें:
    • आयरन युक्त आहार लें, जैसे पालक, हरी सब्जियाँ, मांस, और दालें। जरूरत पड़ने पर आयरन सप्लिमेंट्स भी ले सकते हैं। आयरन की कमी को दूर करने के लिए विटामिन C के साथ आयरन का सेवन अधिक प्रभावी होता है।
  5. मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखें:
    • योग, ध्यान, और व्यायाम से तनाव कम करें। अगर जरूरत महसूस हो, तो मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श लें। अपनी भावनाओं को साझा करने से भी तनाव कम होता है।
  6. स्वस्थ आहार लें:
    • संतुलित आहार लें जिसमें सभी पोषक तत्व शामिल हों। ज्यादा शक्कर और कार्बोहाइड्रेट से बचें। प्रोटीन और फाइबर युक्त आहार लें जिससे ऊर्जा बनी रहे।
  7. दवाइयों की समीक्षा करें:
    • अगर कोई दवा आपकी नींद को प्रभावित कर रही है, तो डॉक्टर से परामर्श लें। वे आपको दूसरी दवा सुझा सकते हैं। दवाइयों का साइड इफेक्ट्स जानना भी जरूरी है।
  8. सोने की आदत सुधारें:
    • हर दिन एक ही समय पर सोने और जागने का नियम बनाएं। इससे शरीर की बायोलॉजिकल क्लॉक नियमित हो जाएगी और नींद की गुणवत्ता में सुधार होगा।

अन्य सुझाव

  • हाइड्रेशन:
    • दिन भर पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। शरीर में पानी की कमी भी थकान का कारण बन सकती है। पानी पीने से शरीर की ऊर्जा बनी रहती है और थकान कम होती है।
  • कैफीन कम करें:
    • बहुत ज्यादा चाय, कॉफी या एनर्जी ड्रिंक का सेवन नींद को प्रभावित कर सकता है। सोने से पहले कैफीन का सेवन कम करें। कैफीन की अधिक मात्रा से नींद में खलल पड़ता है।
  • शारीरिक गतिविधि:
    • रोज़ाना व्यायाम करें। इससे शरीर में ऊर्जा बनी रहती है और नींद भी अच्छी आती है। व्यायाम से शरीर में एंडोर्फिन रिलीज होते हैं, जो मानसिक और शारीरिक थकान को कम करते हैं।
  • स्वास्थ्य की जाँच:
    • नियमित रूप से स्वास्थ्य की जाँच करवाते रहें। कोई भी गंभीर समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें। स्वस्थ रहने के लिए नियमित जांच आवश्यक है।

इन उपायों को अपनाने से आप अपनी नींद की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं और दिन भर सक्रिय और ताजगी महसूस कर सकते हैं। अगर आपको फिर भी अत्यधिक नींद महसूस होती है, तो डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें। आपकी नींद और स्वास्थ्य के लिए उचित निदान और उपचार बहुत जरूरी है। याद रखें, अच्छी नींद स्वस्थ जीवन का मूलमंत्र है।

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